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ग्लोबल अस्पताल 70 अस्पतालों को देता है रक्त

  • शिविरों, स्वैच्छिक रक्तदाताओं से मिले रक्त से 8 से 10 फीसदी रक्त ही ग्लोबल में होता है उपयोग

शिव आमंत्रण माउंट आबू, 26 जुलाई। ग्लोबल अस्पताल निदेशक डॉ. प्रताप मिढ्ढा ने कहा कि शिविर के माध्यम से दानदाताओं की ओर से दिया गया रक्त न केवल क्षेत्र के जरूरतमंद मरीजों के ही काम में आता है अपितू आवश्यकता पडऩे पर जिले से बाहर उदयपुर, जोधपुर संभागों से लेकर गुजरात के समीपवर्ती क्षेत्रों के 70 से भी अधिक अस्पतालों के मरीज भी यहां के रक्तदान शिविरों में एकत्रित हुए रक्त से लाभान्वित होते हैं। कई बार यहां एकत्रित हुई रक्त को ग्लोबल अस्पताल की ओर से अपने संसाधनों, स्टाफ के जरिए दूरस्थ क्षेत्रों में भी भिजवाने की व्यवस्था की जाती है। दूसरों की जीवनरक्षा करना मानव धर्म व सच्ची सेवा है। रक्तदान समाज के सभी वर्गों को एकता में रहने की सीख देता है। यह जानकारी उन्होंने सोमवार को ग्लोबल अस्पताल के तत्वाधान में आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में दी।
रक्तकोष प्रभारी धमेंद्र सिंह ने कहा कि अस्पताल को मिले रक्त में से यहां केवल 8 से 10 फीसदी रक्त ही उपयोग में लिया जाता है शेष समीपवर्ती राजस्थान व गुजरात के 70 अस्पतालों में रक्त मुहैया करवाया जाता है। यहां एकत्रित हुआ रक्त अधिकतर आदिवासी ग्रामीण क्षेत्रों में जाता है। जबकि उन क्षेत्रों से स्वैच्छिक रक्तदान नहीं के बराबर मिलता है। गत वर्ष ग्लोबल अस्पताल आबूरोड, माउंट आबू की ओर से छह हजार 208 यूनिट रक्त मरीजों को मुहैया करवाई गई है। जिसके तहत दो हजार 540 यूनिट रक्तदान शिविरों, शेष तीन हजार 668 यूनिट ब्रह्माकुमारी संगठन के स्वयंसेवकों व अन्य स्वेच्छिक रक्तदाताओं ने रक्तदान किया। जो अपने आप में एक सराहनीय कार्य है। उन्होंने कहा कि सिरोही, जालोर व बनासकांठा के थेलेसीमिया से पीडि़त आदिवासी अंचलों के बच्चों को हर महीने बड़ी संख्या में निशुल्क रक्त की आवश्यकता बनी रहती है। जिसकी रक्तदाताओं के माध्यम से एकत्रित हुए रक्त भरपाई की जाती है। शिविरों के माध्यम से मिले रक्त को अधिक से अधिक 35 दिन तक ही ब्लड बैंक में स्टोर किया जा सकता है। जिसे देखते हुए एकत्रित रक्त की समय पर उपयोगिता हो उसे निर्धारित समय से पूर्व ही आवश्यकतानुसार अन्यत्र भिजवाने की व्यवस्था की जाती है।
पेथालॉजिस्ट डॉ. सपना भंडारी, पेथालॉजी मुख्य लैब टेक्नीशियिन ज्योति बहन, सुपरवाईजर संजीवनी बहन, ऋषि मेहता व उनकी टीम के नेतृत्व में 91 लोगों ने रक्तदान किया।