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वॉकिंग योग और हॉलिस्टिक एक्सरसाइज

योगासन प्रभू स्मृति में रहना ही योग है। इसलिए योग एक मानसिक प्रतिक्रिया है जिसमें हमारा मन तंदुरुस्त हो जाता है। परंतु तन को तंदुरुस्त रखने के लिए हमें शारीरिक एक्सरसाइज तो करना ही होगा। जिसमें वॉकिंग करना तो सबसे सहज है और हर कोई कर सकता है। आजकल अधिकतर मनुष्य शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सचेतन तो है। इसलिए सवेरे-सवेरे नित्य मॉर्निंग वॉक कर भी रहे हैं। परंतु मन में अगर अनेक व्यर्थ संकल्प या अनावश्यक संकल्प चलते रहेंगे तो मन कैसे स्वस्थ रहेगा? यदि वॉकिंग करते समय हम सुंदर प्रभु स्मृति के गीत सुनते रहें, गुनगुनाते रहे, इसे हम वॉकिंग योगा कह सकते हैं। जैसे प्रभु स्मृति में रह कर कर्म करने को कर्म योग कहा जाता है। इसलिए हमें तन और मन से स्वस्थ रहने के लिए दोनों विधि अपनाना होगा और इसके लिए वॉकिंग योगा बहुत ही सरल और सहज है, जो हर व्यक्ति कर सकता है। यह घर में अथवा बाहर में भी किया जा सकता है। आजकल हर एक के पास मोबाइल फ़ोन तो है ही। इसमें हम बहुत सुंदर Rhythmical संगीत युक्त प्रभु प्रेम के गाने भरकर रखें और वॉकिंग करते समय सुनें। फिर प्रभु प्रेम में मन तो गदगद होगा ही लेकिन हमें चलने के लिए भी हमारे टांगें अवश्य ही आगे बढ़ेगे। परंतु शुरुआत से हमें शरीर को Warm up करने के लिए धीरे-धीरे अवश्य चलें। परंतु याद रखें हमें 30 मिनट BRISK WALKING अर्थात तेज गति से चलना होगा। 30 मिनट में कम से कम पाँच किलोमीटर चलें तब कहेंगे Brisk walking. जो व्यक्ति कुछ भी एक्सरसाइज नहीं करते हैं उसके लिए वॉकिंग करना सहज और सरल है। परंतु इसे सम्पूर्ण व्यायाम नहीं कहेंगे, यह तो एरोबिक एक्सरसाइज है। इसमें शरीर का हर पार्ट का एक्सरसाइज नहीं होता है। जैसे भोजन में अगर कोई व्यक्ति सिर्फ़ एक चीज़ ही खाए, उदाहरण के रूप में केवल राइस अथवा चपाती, दाल, सूप, सलाद आदि में से कोई एक चीज़ ही खाएं तो जीवन कहां तक चल सकता है? नहीं। शरीर को ठीक रखने के लिए हमें balanced डाइट की आवश्यकता है। ठीक इसी प्रकार केवल एक ही प्रकार का व्यायाम हम करते रहें तो इसे हम सम्पूर्ण Exercise नहीं कह सकते हैं।

हॉलिस्टिक एक्सरसाइज अर्थात सम्पूर्ण समग्र वा सर्वांगिन व्यायाम, जिसमें सर्व प्रकार के एक्सरसाइज शामिल है जैसे की aerobic, anaerobic, आसन तथा प्राणायाम अदि-आदि। इससे शरीर को संपूर्ण लाभ पहुंचता है। परंतु मन के लिए हमें इसमें मानसिक एक्सरसाइज करना होगा। Holistic एक्सरसाइज उसे कह सकते हैं जिसमें तन, मन और आत्मा सभी स्वस्थ्य बन जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO का भी कहना है कि केवल aerobic नहीं साथ-साथ anaerobic एक्सरसाइज भी करना चाहिए। परंतु प्रतिदिन अगर सर्व प्रकार के हम एक्सरसाइज करते हैं तो सम्पूर्ण स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
डायबिटीज़ बीमारी शरीर का एक एक अंग को प्रभावित करती है। अधिकांस मरीज हृदय रोग से ग्रसित हो जाते हैं। joint stiffness हों जाते हैं, साथ साथ इंसुलीन तथा दवाइयों के प्रभाव अथवा अधिक भूख के कारण ज़्यादा calories Intake के कारण मोटे भी हो जाते हैं तथा तनावग्रस्त भी रहते हैं। इसलिए डायबिटीज़ मरीज़ों के लिए तो नियमित रूप से हॉलिस्टिक एक्सरसाइज करना ही चाहिए। जिसमें सारी समस्याओं का सुधार हो सकता है। न सिर्फ़ डायबिटीज़ परंतु किसी को भी अर्थात निरोगी व्यक्ति को भी यह हॉलिस्टिक एक्सरसाइज तो करना ही चाहिए तथा बचपन से बच्चों को भी सिखाना चाहिए ताकि आगे चलकर वे रोगमुक्त तथा सम्पूर्ण स्वस्थ बने।